कोष्ठन की परिभाषा क्या है कोष्ठन किसे कहते हैं | bracketing definition in hindi ?
प्रश्न : कोष्ठन को परिभाषित कीजिये ?
उत्तर : कोष्ठन (bracketing) की परिभाषा निम्नलिखित है –
रचनांतरण व्याकरण में प्रयुक्त एक विधि, जिसके द्वारा किसी भी शृंखलाध् माला की आंतरिक संरचना को उस प्रकार दर्शाया जाता है जैसे गणित तथा सांकेतिक तर्कविज्ञान में किसी तर्कवाक्य को करते हैं। उदाहरणार्थ – ‘देवदत्त ने चावल पकाए‘ वाक्य का कोष्ठन होगा –
ख्देवदत्त ने, ख्चावल, ख्पकाएं,
कर्ता कर्म क्रिया
(ेनइरमबज) (वइरमबज) (अमतइ)
सं.प. सं.प.
(छ.च्.) (छ.च्.)
पदबंध संरचना व्याकरण (च्ीतंेम ेजतनबजनतम हतंउउंत) में इसी वाक्य कोष्ठन होगा –
उद्देश्य/विधेय (सं.प. $ क्रि.प.): ख्ख्देवदत्त ने) ख्चावल पकाए,,
उद्देश्य/कर्म/क्रिया (सं.प. $ सं.प. $ क्रि.): ख्ख्देवदत्त ने, ख्चावल, ख्पकाए,
2. प्रजनक व्याकरण में निम्न कोष्ठन विधियों का प्रयोग होता है:
(क) निक्षेप संकेतन (लघु कोष्ठक) ( ) जो किसी इकाई को रखने या न रखने की छूट का निर्देश करता है । जैसे –
निर्धारक (विशेषण) संज्ञा = निर्धारक संज्ञा तथा निर्धारक वि.सं.
क्. (।कर.) छ = क्छ तथा क्. ।कर. छ.
(ख) धनु संकेतन (धनु कोष्ठक) { } जो वैकल्पिक इकाइयों में से किसी एक को रखने की अनिवार्यता का निर्देश करता है। जैसे – निर्धारक
क्ष्वि.स.द्व सं० नि.वि.सं. या नि.सं.सं.
क्क्ष् ंकर. छण्द्व छण् क्।करण् छ या क्ण्छण्छण्
इनका प्रयोग रूपिम तथा रूपस्वनिमिक रूपों को दर्शाने हेतु भी होता है।
(ग) कोष्ठक संकेतन (वर्ग कोष्ठक) ख्, में इकाइयों का समस्तरीय रेखा में सुमेलन का निर्देश होता है । जैसे –
क्ष्क खद्व क्ष्ग घद्व
का अर्थ है अभिलक्षण ‘क‘ का ‘ग‘ में तथा ‘ख‘ का ‘घ‘ में परिवर्तन।
अभिलक्षण ‘ख‘ में तथा अभिलक्षण ‘ख‘ की उपस्थिति में अभिलक्षण ‘घ‘ में परिवर्तन। इसका प्रयोग लेखिम निर्देश में भी होता है।
(घ) कोणीय कोष्ठक (ढ झ) का प्रयोग प्रजनक स्वनिम विज्ञान में वैकल्पिक इकाइयों की पारस्परिक निर्भरता का निर्देश करता है । जैसे –
क्ष् ़क ढ ़ख झ द्व घ क्ष्गद्व
का अर्थ है अभिलक्षण ‘क‘ का अभिलक्षण ‘ख‘ तथा अभिलक्षण ‘ख‘ की उपस्थिति में अभिलक्षण ‘घ‘ में परिवर्तन। इसका प्रयोग लेखिम निर्देश में भी होता है।
3. स्वनविज्ञान में वर्ग कोष्ठक तथा द्वितिर्यक् (स्लैश)// का प्रयोग होता है। वर्ग कोष्ठक में खंडात्मक स्वनिक लिप्यंकन या व्यावर्तक अभिलक्षण कोटि जैसे – ख़्अनुदात्त रहते हैं जबकि द्वितिर्यक् (स्लैश) में स्वनिमिक लिप्यंकन।
4. वर्ग कोष्ठकों का प्रयोग व्याकरणिक तथा शब्दार्थ स्तरों पर भी अभिलक्षण जैसे –
ख़् गणनीय, ख़़्पु0, ख्-स्त्री0,
ख्बवनदजंइसम, ख़्उंसम, ख्-मिउंसम,
आदि को रखने के लिए होता है ।
question : define the term bracketing in hindi ?
answer : ऊपर कोष्ठन की अर्थात bracketing in hindi की परिभाषा देखिये –
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