आश्रयता व्याकरण की परिभाषा क्या है आश्रयता व्याकरण किसे कहते हैं | dependency grammar definition in hindi ?

प्रश्न : आश्रयता व्याकरण को परिभाषित कीजिये ?

उत्तर : आश्रयता व्याकरण (dependency grammar) की परिभाषा निम्नलिखित है –

रूपात्मक व्याकरण का एक प्रकार जिसे फ्रासीसी भाषाविज्ञानी ‘लुसिए तेस्नीयरे‘ ने विकसित किया। इस व्याकरण में व्याकरणिक संबंधों की व्याख्या करने के लिए किसी रचना के विभिन्न तत्वों के बीच आश्रितता की विभिन्न कोटियाँ निश्चित की जाती हैं। तदनुसार वाक्य-संरचना का निरूपण करने के लिए आश्रितता-वृक्षों का प्रयोग किया जाता है जिसमें आसंधियों के समुच्चय निर्धारित कर उनके परस्पर संबंधों के आधार पर संरचनात्मक संबंधों का निर्धारण किया जाता है। प्रत्येक वृक्षमें एक ‘नियंत्रक‘ और ‘आश्रितों का समुच्चय होता है।

प्रत्येक ‘आश्रित‘ नियंत्रक के साथ एक विशेष संबंध के अंतर्गत जुड़ा रहता है । जैसे – उपवाक्य में ‘क्रिया‘ नियंत्रक होती है और संज्ञा पदबंध उसके आश्रित होते हैं, जिन्हें क्रिया की संयोजकता के आधार पर सांख्यकीय मूल्य दिए जाते हैं । जैसे – ‘मंजु को नारियल पसंद है‘ में ‘पसंद होना‘ उपवाक्य का नियंत्रक है और शेष पद उसके आश्रित हैं।
इसी तरह परसर्गीय पदबंधों में परसर्ग संज्ञाओं का नियंत्रक होता है । जैसे – अंग्रेजी में श्पद जीम तववउश् पदबंध में पूर्वसर्ग श्पदश् संज्ञा का नियंत्रक है और संज्ञा श्तववउश् उपपद श्जीमश् का नियंत्रक है । हिंदी में भी ‘कमरे में‘ पदबंध है जिसमें परसर्ग ‘में‘ संज्ञा का नियंत्रक है।

question : define the term dependency grammar in hindi ?

answer : ऊपर आश्रयता व्याकरण की अर्थात dependency grammar in hindi की परिभाषा देखिये –